ब्रिटिश काल में झूम खेती के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये |
1. ऐसी खेती करने वाले किसान पूर्वोत्तर और मध्य भारत की पर्वतीय व जंगली पट्टियों में रहते थे। |
2. इसमें लोग जंगलों में छोटे भूखण्डों के पेड़ों के ऊपरी हिस्सों को काटकर तथा वहां की घास व झाड़ियों को जलाकर साफ करके खेती करते थे। |
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं? |
A) केवल 1
B) केवल 2
C) 1 और 2 दोनों
D) न तो 1 और न ही 2
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर -1 और 2 दोनों व्याख्या - झूम खेती, घुमंतू खेती को कहा जाता है। इसमें लोग जंगलों में छोटे भूखण्डों के पेड़ों के ऊपरी हिस्सों को काटकर तथा वहीं की घास व झाड़ियों को जलाकर साफ कर देते थे। राख को जमीन पर फैला देते थे फिर उसकी खुदार्इ कर बीज बिखेर कर खेती करते थे। कुछ वषोर्ं तक जब तक मिट्टी में उर्वरता विद्यमान रहती है इस भूमि पर खेती की जाती है। इसके पश्चात् वे दूसरी जगह चले जाते थे। जहां से उन्होंने अभी फसल काटी थी वह जगह कर्इ सालों तक परती कुछ समय के लिये बिना खेती के छोड़ दी जाने वाली जमीन ताकि उसकी मिट्टी दोबारा उपजाऊ हो जाये। घुमंतू किसान सामान्यत: पूर्वोत्तर और मध्य भारत की पर्वतीय व जंगली पट्टियों में रहते थे। भारत के कुछ अन्य हिस्सों में भी घुमंतू किसान रहते हैं। गुजरात के बहुत सारे वन क्षेत्रों में यह अभी भी जारी है। गुजरात की भील जनजाति भी घुमंतू खेती करती है।You need to login to perform this action.
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