A) लोहे की पारे से रासायनिक क्रिया की प्रवृत्ति पानी की तुलना में कम होने के कारण
B) लोहे का भार पानी से अधिक तथा पारे से कम।
C) लोहे का घनत्व पानी से अधिक है तथा पारे से कम
D) पारा पानी से भारी है।
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - लोहे का घनत्व पानी से अधिक है तथा पारे से कम |
व्याख्या - लोहे का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक होता है तथा पारे से कम होता है। आपेक्षिक घनत्व के कारण लोहे की कील पानी में डूब जाती है, क्योंकि पारे व जल के घनत्व में अंतर है। ऐसे ही लोहे की कील पानी में डूब जाती है परन्तु लोहे से बना जहाज समुद्र में तैरता रहता है। यह आर्किमिडीज के सिद्धांत तथा प्लवन नियम के व्यावहारिक उदाहरण है। संतुलित अवस्था में तैरने पर वस्तु द्वारा अपने भार के बराबर द्रव को विस्थापित किया जाएगा। इस नियम को प्लवन या उत्प्लावन का नियम (Law of Floatation) कहा जाता है। |
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