निम्न कथनों पर विचार करें - |
1. धर्म शब्द का अर्थ होता है धारण करना। |
2. स्वामी विवेकानन्द जी ने धर्म को मेरे गुरुदेव नामक पुस्तिका में परिभाषित किया। उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें |
A) केवल 1
B) केवल 2
C) 1 और 2
D) न तो 1 न ही 2
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - 1 और 2 |
व्याख्या - धर्म शब्द धृ धातु से बना है जिसका अर्थ होता है धारण करना, अर्थात धर्म शब्द से तात्पर्य उन सभी क्रियाकलापों से है जो व्यक्ति के लिए धारण करने योग्य (अपनाने योग्य) है, अर्थात नैतिक कर्तव्य ही धर्म है। स्वामी विवेकानन्द जी ने धर्म की परिभाषा को मेरे गुरुदेव नामक पुस्तिका के पृष्ठ संख्या 18 में उल्लेखित किया है। इस परिभाषा के अनुसार मनुष्य को परमेश्वर प्राप्त करना चाहिए, परमेश्वर का अनुभव करना चाहिए, परमेश्वर का प्रत्यक्ष दर्शन करना चाहिए तथा उससे बातचीत करनी चाहिए यही धर्म है। अर्थात परमेश्वर का अर्थ है आदर्शवाद, या सम्पूर्णता। |
टिप्पणी - सनातन सिद्धांत धारा में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष में धर्म का प्रमुख स्थान है। धर्मयुद्ध का अर्थ किसी संप्रदाय विशेष के लिए युद्ध नहीं। सत्य और न्याय के लिए युद्ध। अत: धर्म का अर्थ है सत्य व न्याय पर अडिग रहना। |
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