A) राजस्व व्यय - राजस्व प्राप्तियाँ
B) बजटीय घाटे का योग और सरकार का बाजार ऋण तथा दायित्व
C) कुल व्यय - कुल प्राप्तियाँ
D) पूंजीगत व्यय - पूंजीगत प्राप्तियाँ - बाजार ऋण
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर- बजटीय घाटे का योग और सरकार का बाजार |
व्याख्या-बजटीय घाटा - बजटीय घाटे का योग और सरकार का बाजार ऋण तथा दायित्व। यह कुल प्राप्तियों (उधार के अतिरिक्त) पर कुल व्यय का आधिक्य है। तथा यह ब्याज के भुगतान सहित सरकार की उधार लेने की सीमा को प्रकट करता है। उच्च राजकोषीय घाटा (उधार के रूप में) देश में राजकोषीय अनुशासन के अभाव को प्रकट करता है। यह सकल घरेलू उत्पाद तथा संवृद्धि की प्रक्रिया में बाधा डालता है। |
You need to login to perform this action.
You will be redirected in
3 sec