A) पर्णपाती वन - आर्इ शीतोष्ण कटिबंधीय वन - शीतोष्ण कटिबंधीय घास - लाइकेन
B) पर्णपाती वन - आर्इ शीतोष्ण कटिबंधीय वन - लाइकेन - शीतोष्ण कटिबंधीय घास
C) आर्इ शीतोष्ण कटिबंधीय वन - पर्णपाती वन - लाइकेन - शीतोष्ण कटिबंधीय घास
D) आर्इ शीतोष्ण कटिबंधीय वन - पर्णपाती वन - शीतोष्ण कटिबंधीय घास - लाइकेन
Correct Answer: A
Solution :
उत्तर - पर्णपाती वन - आर्द्र शीतोष्ण कटिबंधीय वन - शीतोष्ण कटिबंधीय घास - लाइकेन |
व्याख्या - |
वनस्पति में जिस प्रकार का अंतर हम उष्णकटिबंधीय प्रदेशों से टुंड्रा प्रदेशों की ओर देखते हैं, उसी प्रकार ऊंचार्इ बढ़ने के साथ हिमालयी पर्वत श्रृंखला में उष्णकटिबंधीय वनों से टुंड्रा प्रदेश तक में पार्इ जाने वाली प्राकृतिक वनस्पति पार्इ जाती है। |
हिमालय के गिरिपद पर पर्णपाती वन पाये जाते हैं। 1000 से 2000 मीटर की ऊंचार्इ पर आर्द्र शीतोष्ण कटिबंधीय प्रकार के वन पाये जाते हैं। 2225 से 3048 मीटर की ऊंचार्इ पर इस क्षेत्र में कर्इ स्थानों पर शीतोष्ण कटिबंधीय घासें भी उगती हैं। इससे अधिक ऊंचार्इ पर अल्पाइन वन और चारागाह पाये जाते हैं। हिमालय के सबसे अधिक ऊंचार्इ वाले भागों में टुंड्रा वनस्पतियां, जैसे- मॉस व लाइकेन आदि पार्इ जाती हैं। |
You need to login to perform this action.
You will be redirected in
3 sec