A) मेलकॉम
B) मेटकॉफ
C) मुनरो
D) एलफिस्टन
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - मुनरो |
व्याख्या - रैयतवाड़ी व्यवस्था व्यवस्था में प्रत्येक पंजीकृत भूमिदार भूमि का स्वामी होता था, जो सरकार को लगान देने के लिए उत्तरदायी होता था। भूमिदार के पास भूमि को रहने, रखने व बेचने का अधिकार होता था। भूमि कर न देने की स्थिति में भूमिदार को, भूस्वामित्व के अधिकार से वंचित होना पड़ता था। इस व्यवस्था के अंतर्गत सरकार का रैयत से सीधा सम्पर्क होता था। रैयतवाड़ी व्यवस्था को मद्रास तथा बम्बर्इ (वर्तमान मुम्बर्इ) एवं असम के अधिकांश भागों में लागू किया गया। |
टिप्पणी - रैयतवाड़ी भूमि कर व्यवस्था को पहली बार 1792 र्इ. में मद्रास के बारामहल जिले में लागू किया गया। |
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