अधोलिखित कथन किस दर्शन की प्रमुख कसौटी हैं? (UPSC 2003) |
1. यह षडदर्शन का हिस्सा है। |
2. वेदों के 2 भाग है कर्मकांड और ज्ञानकांड |
3. अपूर्व सिद्धान्त इस दर्शन से सम्बंधित है। |
A) बौद्ध
B) योग
C) सांख्य
D) मीमांसा
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - मीमांसा |
व्याख्या - उपरोक्त कथन मीमांसा दर्शन की महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं। प्रमाणिक रूप से मीमांसा दर्शन के इतिहास में आचार्य जैमिनी प्रमुख हैं। मीमांसा शब्द का अर्थ किसी वस्तु के स्वरूप का यथार्थ वर्णन है। इस दर्शन के अनुसार वेद के मुख्यत: दो भाग हैं। प्रथम भाग में कर्मकाण्ड बताया गया है, जिससे अधिकारी मनुष्य की प्रवृत्ति होती है। द्वितीय भाग में ज्ञानकाण्ड बताया गया है, जिससे अधिकारी मनुष्य की निवृत्ति होती है। कर्मकाण्ड पूर्व मीमांसा का विषय है जबकि ज्ञानकाण्ड उत्तरमीमांसा का विषय है। अपूर्व मीमांसा दर्शन का एक महत्वपूर्ण सिद्धान्त है। अपूर्व एक अदृश्य शक्ति है, जिसके माध्यम से कर्मफल निर्धारित होता है। अंपूर्व शक्ति कर्मों से उत्पन्न होती है। |
टिप्पणी - प्रभाकर, कुमारिल भट्ट, शबर स्वामी. मीमांसा दर्शन से से सम्बंधित हैं। |
मीमांसा दर्शन पूर्णतया वैदिक है। मीमांसते क्रियापद तथा मीमांसा संज्ञापद, दोनों का प्रयोग ब्राह्मण तथा उपनिषद ग्रन्थों में मिलता है। अत: मीमांसा दर्शन को संबंध अत्यन्त प्राचीन काल से सिद्ध होता है। |
विशेष - पूर्वमीमांसा दर्शन में वेद के कर्मकाण्ड माप पर विचार किया गया है और उत्तरमीमांसा अर्थात् वेदान्तशास्त्र में वेद के ज्ञानकाण्ड भाग पर विचार किया गया है। कर्मकाण्ड भाग पर महर्षि जैमिनि ने विचार किया है और ज्ञानकाण्ड भाग पर महर्षि बादरायण व्यास ने विचार किया है। |
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