बाघ गुफा की भक्ति चित्रकारी के संदर्भ में निम्न कथनों पर विचार करें - |
1. पहली गुफा में किसी तरह का चित्रांकन नहीं है। |
2. तीसरी गुफा में केले के वृक्षों का अंकन हुआ है। उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें |
A) केवल 1
B) केवल 2
C) 1 और 2
D) न तो 1 न ही 2
Correct Answer: A
Solution :
उत्तर - केवल 1 |
व्याख्या - पहला कथन सत्य है जबकि दूसरा कथन असत्य है। बाघ गुफाओं में कुल 7 गुफाओं में चित्रकारी के प्रमाण हैं। यद्यपि इन गुफाओं के चित्र पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं केवल दो (चौथी और पांचवी) ही गुफा में चित्र बचे हैं। वह भी बहुत बुरी स्थिति में है। हालांकि इन गुफाओं के चित्र धर्मनिरपेक्ष प्रकृति में माने जाते हैं। |
विशेष - बाघ गुफाओं में चित्रकारी - |
पहली गुफा - यह गुफा बौद्ध भिक्षुओं की निवास हेतु बनाई गई थी। इसमें कोई चित्र नहीं है, ना ही कोई मूर्ति । |
दूसरी गुफा - यह पंच पांडव की गुफा है। इस गुफा में बाघ की गुफाओं में केले के वृक्षों का अंकन जगह जगह पर हुआ है। इसमें छत पर बेल बूटे, आलेखन बने हुए हैं। |
तीसरी गुफा - इस गुफा को हाथी खाना गुफा भी कहते हैं। किसी समय यह गुफा महात्मा बुद्ध और बोधिसत्व के चित्रों से भरी हुई थी, किन्तु अब यहां कोई भी आकृति स्पष्ट नहीं है। |
चौथी गुफा - यह गुफा रंग महल कहलाती है। यहां महात्मा बुद्ध की मूर्ति प्राप्त हुई हैं, इसलिए इसको चैत्य गुफा माना जाता है। यहां जातक गुफाओं का निरुपण करने वाले सुंदर भित्ति चित्र हैं। |
पांचवी गुफा - इसमें भी चित्र प्राप्त हुए हैं। यहां बुद्ध. का एक सुंदर चित्र प्राप्त हुआ है जो अजंता के चित्र से मिलता-जुलता है। |
टिप्पणी - बाघ की गुफाएं बलुआ पत्थर की बनी है जो शीघ्र ही नष्ट हो जाता है। इस भित्ति पर चूने का प्लास्टर चढ़ा कर टेंपल रंगों से चित्रण किया गया है जो अजंता के चित्र से मिलता-जुलता है। इसीलिए इनको अजंता के समकालीन बताया गया है। |
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