निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये - |
1. ब्रिटिश सरकार द्वारा 1892 र्इ. में पारित भारतीय परिषद कानून नरमपंथी राष्ट्रवादियों के दबाव का परिणाम था। |
2. 1905 र्इ. तक भारत के राष्ट्रीय आंदोलन पर नरमपंथी राष्ट्रवादी नेताओं का वर्चस्व था। |
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं? |
A) केवल 1
B) न तो 1 और न ही 2
C) 1 और 2 दोनों
D) केवल 2
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - 1 और 2 दोनों |
व्याख्या - 1905 र्इ. तक भारत के राष्ट्रीय आंदोलन पर नरमपंथी राष्ट्रवादी नेताओं का वर्चस्व था। नरमपंथी राष्ट्रवादियों के आंदोलन के दबाव में ब्रिटिश सरकार को 1892 र्इ. में भारतीय परिषद कानून पास करना पड़ा। इस कानून द्वारा शाही विधायी परिषद तथा प्रांतीय परिषदों में सदस्यों की संख्या बढ़ा दी गर्इ। आरंभिक राष्ट्रीय आंदोलन की बुनियादी कमजोरी संकुचित सामाजिक आधार थी। वास्तव में, जनता में नेताओं की कोर्इ राजनैतिक आस्था नहीं थी। |
You need to login to perform this action.
You will be redirected in
3 sec