A) दिवासा
B) मांडना
C) सवनाही
D) चित्रावण
Correct Answer: B
Solution :
उत्तर - मांडना |
व्याख्या - मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में प्रचलित मांडना चित्रकला स्वतंत्र और पूर्ण कला विधा है जिसके चिन्ह सिन्धु घाटी की प्राचीन सभ्यताओं मोहनजोदड़ो और हड़प्पा में पाए गए हैं। मांडनों को श्री और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि जिसके घर में इसका सुंदर अंकन होता रहता है, वहां लक्ष्मी निवास करती है। मांडने की पारंपरिक आकृतियों में ज्यामितीय एवं पुष्प आकृतियों के साथ ही त्रिभुज, चतुर्भुज, वृत्त, कमल, शंख, घंटी, स्वस्तिक, शतरंज पट का आधार, कई सीधी रेखाएं, तरंग की आकृति आदि मुख्य हैं। हवन और यज्ञों में वेदी का निर्माण करते समय भी मांडने बनाए जाते हैं। घर-आंगन में मांडने बनाकर अति अल्प मात्रा में मूंग, चावल, जौ व गेहूं जैसी मांगलिक वस्तुएं फैला दी जाती हैं। |
विशेष - मांडना को 64 कलाओं में शामिल किया गया है जिसे अल्पना कहा गया है। यह चित्रकला का एक अंग है। भारत में मांडना विशेषतौर पर होली, दीपावली, नवदुर्गा उत्सव, महाशिवरात्रि और संजा पर्व पर बनाया जाता है। |
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