A) खरोष्ठी लिपि
B) ब्राम्ही लिपि
C) ग्रंथ लिपि
D) शारदा लिपि
Correct Answer: B
Solution :
उत्तर - ब्राम्ही लिपि |
व्याख्या - भाषावैज्ञानिक दृष्टि से देवनागरी लिपि अक्षरात्मक लिपि मानी जाती है। इसका विकास ब्राह्मी लिपि से हुआ है। लिपि के विकाससोपानों की दृष्टि से चित्रात्मक, भावात्मक और भावचित्रात्मक लिपियों के अनंतर अक्षरात्मक स्तर . की लिपियों का विकास माना जाता है। यह एक ध्वन्यात्मक लिपि है जो प्रचलित लिपियों (रोमन, अरबी, चीनी आदि) में सबसे अधिक वैज्ञानिक है। भारत की कई लिपियां देवनागरी से बहुत अधिक मिलती-जुलती हैं, जैसे- बांग्ला, गुजराती, गुरुमुखी आदि। |
टिप्पणी - इसमें कुल 52 अक्षर हैं, जिसमें 14 स्वर और 38 व्यंजन हैं। अक्षरों की क्रम व्यवस्था अर्थात विन्यास भी बहुत ही वैज्ञानिक है। स्वर-व्यंजन, कोमल-कठोर, अल्पप्राण-महाप्राण, अनुनासिक्य-अन्तस्थ-उष्म इत्यादि वर्गी करण भी वैज्ञानिक हैं। |
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