चालुक्य काल में मूर्तिकला के संदर्भ में निम्न कथनों पर विचार करें - |
1. मूर्तियों पर गुप्त तथा पल्लव शैली का प्रभाव दिखाई देता |
2. बेसर शैली यहां स्थित मंदिरों पर मूर्तियों से सजावट की गई है। उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें |
A) केवल 1
B) केवल 2
C) 1 और 2
D) न तो 1 न ही 2
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - 1 और 2 |
व्याख्या - बादामी या वातापी काल में कला-संस्कृति का विकास विशिष्ट है। वास्तुकला के साथ-साथ चालुक्य काल में मूर्तिकला का भी विकास हुआ। मूर्तियों पर गुप्त तथा पल्लव शैली का प्रभाव दिखाई देता है। अधिकांश मूर्तियों का निर्माण मंदिरों को सजाने के लिये किया गया। बेसर शैली के इन मंदिरों पर मूर्तियों से सजावट की गई है। गुफा स्तंभों तथा छतों पर बड़ी संख्या में मूर्तियां चित्रित की गई हैं। ये मूर्तियां पौरणिक कथाओं को सजीव रूप में दर्शाती हैं। |
टिप्पणी - छठी शताब्दी के मध्य से लेकर आठवी शताब्दी के मध्य तक दक्षिणापथ पर जिस वंश की शाखा का आधिपत्य रहा, उसका उत्कर्ष बादामी या वातापी होने के कारण उसे बादामी या वातापी का चालुक्य कहा गया। |
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