A) विषाणु
B) जीवाणु
C) यीस्ट
D) प्रोटोजोआ
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - यीस्ट |
व्याख्या - के. एम. पकनिकर और पुणे में आगरकर रिसर्च इंस्टीटîूट के सहकर्मियों द्वारा कैडमियम सल्फाइड (CdS) के नैनोकणों को संश्लेषित करने के लिए यीस्ट शाइजोसैकेरोमाइसीज पोम्बी (Schizosacchoromyces pombe) को एक अर्द्धचालक पदार्थ के घोल में थोड़ी मात्रा में कैडमियम मिलाकर बनाया। |
फिर उन्होंने इस ब्के का उपयोग पॉलीफेनिलीन विनाइलीन एक कार्बनिक बहुलक के साथ डायोड बनाने के लिए किया। इस डायोड का गुण है एक तरफ से विद्युत धारा का प्रवाह कर सकता है लेकिन दूसरी तरफ से नहीं। |
टिप्पणी - नैनो तकनीकी में नैनो एक ग्रीक शब्द है, जिसका अर्थ है सूक्ष्म या छोटा। 100 नैनोमीटर या इससे छोटे कणों को नैनो कण कहते हैं। बहुत ही सूक्ष्म आकार होने से नैनो कणों के रासायनिक एवं भौतिक लक्षण में परिवर्तन होते हैं। जैसे कि जिंक धातु के कण नैनो स्तर पर पहुंचने पर पारदर्शिता का गुण प्राप्त कर लेते हैं। नैनो कणों से विस्तृत फायदे भी हैं लेकिन इनके अत्यधिक उत्पादन से नैनो कण वातावरण में, मृदा में पहुंचने पर सूक्ष्म जीवों और मृदा जीवाणुओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा नैनो कण प्रदूषकों के साथ मिलकर अधिक विषाक्त प्रदूषकों को उत्पन्न कर सकते हैं। |
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