A) उर्वरक की मात्रा के बार-बार प्रयोग द्वारा
B) नत्रजन अवरोधक के प्रयोग द्वारा
C) नत्रजन धीरे छोड़ने वाले उर्वरकों के प्रयोग द्वारा
D) उपरोक्त सभी के द्वारा
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - उपरोक्त सभी के द्वारा |
व्याख्या -नाइट्रोजन से फसलों में प्रोटीन का निर्माण होता है जो जीवद्रव्य का अभिन्न अंग है तथा क्लोरोफिल के निर्माण में भी भाग लेती है। नाइट्रोजन का पौधों की वृद्धि एवं विकास में योगदान इस तरह से है। यह पौधों को गहरा हरा रंग प्रदान करता है। यह दानों के बनने में मदद करता है। अनाज तथा चारे वाली फसलों में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाता है। फलों की वृद्धि के लिए नाइट्रोजनी तत्वों की आवश्यकता होती है। नाइट्रोजन की आधी मात्रा फूल निकलने से पहले और आधी मात्रा फल बनने के बाद देकर इसकी कमी पूर्ण की जा सकती है। फसलोत्पादन में नाइट्रोजन उपयोग क्षमता में वृद्धि उर्वरक की मात्रा के बार-बार प्रयोग, नाइट्रोजन अवरोधक के प्रयोग, नाइट्रोजन धीरे विकसित करने वाले उर्वरकों के द्वारा की जा सकती है। |
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