A) इबोला वायरस - चेचक
B) जीव सांख्यिकी पहचान - उंगली छापन तथा आयरिस स्कैन
C) क्लोनिंग - आनुवांशिक प्रतिकृति
D) डी.एन.ए. फिंगरप्रिंटिंग - पैत्रक या अपराधी की पहचान
Correct Answer: A
Solution :
उत्तर - इबोला वायरस - चेचक |
व्याख्या - इबोला वायरस रोग जिसे पहले इबोला रक्तस्त्रावी बुखार (Ebola Haemorrage Fever) कहा भी कहा जाता था, एक घातक बीमारी है। इबोला वायरस एक फाइलोवायरस है, जिसकी पांच भिन्न - भिन्न प्रजातियां हैं। हाल की वषोर्ं में हुए प्रकोप में जिस विशेष वायरस को अलग किया गया है उसे जायर इबोला वायरस भी कहा गया। इस वायरस से संक्रमित इंसानों में से 90% तक की मृत्यु हो जाती है। |
विशेष - इबोला रोग के लक्षण - संक्रमण होने तथा रोग द्य के लक्षण प्रकट होने के बीच की अवधि 2 - 21 दिन होती है जिसके दौरान प्रभावित व्यक्तियों से संक्रमण होने का खतरा नहीं रहता है। प्रमुख लक्षणों में - सिरदर्द, थकान, गले में खराश, फीवर मांसपेशियों में दर्द, उल्टी दस्त, आंतरिक और बाहरी अंगो में रक्त का रिसाव, वृक्क एवं यकृत का ठीक प्रकार कार्य न करना, आदि। |
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