1. प्राचीन काल में ऋण पर ब्याज भी वर्ण के अनुसार लगाया जाता था। |
2. पूर्व मध्यकाल में सती प्रथा का प्रचलन बड़े पैमाने पर था। |
A) केवल 1 और 2
B) केवल 2 और 3
C) केवल 1 और 3
D) 1, 2 और 3
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर [c] केवल 1 और 3 व्याख्या - सामंतवादी ढांचे में भू-स्वामियों और योद्धाओं के वर्ग की स्त्रियों की दशा निम्न स्तर पर पहुंची परंतु निम्न वर्ण की स्त्रियों को आर्थिक क्रियाकलाप में भाग लेने और पुनर्विवाह करने की छूट थी। बुद्ध के काल में खेती का कार्य दासों और मजदूरों से कराना आम बात हो गई थी। प्राचीन काल में ऋण पर ब्याज भी वर्ण के अनुसार निर्धारित होता था। विशेष - ब्राह्मण को ऋण पर ब्याज दो प्रतिशत, क्षत्रिय को ऋण पर तीन प्रतिशत, वैश्य को चार प्रतिशत और शूद्र को पांच प्रतिशत ब्याज लगता था।You need to login to perform this action.
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