(1) धर्ममहामात्र |
(2) धर्मस्थीय |
(3) रज्जुक |
(4) कटकशोधन |
A) 1 एवं 2
B) 2 एवं 3
C) 1 एवं 3
D) 2 एवं 4
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर [d] 2 एव 4 व्याख्या - कौटिल्य के अर्थशास्त्र के अनुसार, मौर्यकालीन न्याय व्यवस्था में न्यायालय मुख्यतः दो प्रकार के थे- धर्मस्थीय तथा कंटकशोधन। धर्मस्थीय दीवानी तथा कंटकशोधन फौजदारी न्यायालय था। टिप्पणी - प्रदेष्टा फौजदारी न्यायालय का न्यायाधीश तथा व्यावहारिक दीवानी न्यायालय का न्यायाधीश था।You need to login to perform this action.
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