निम्न कथनों पर विचार करे |
1. लघु ज्वार पूर्णिमा तथा अमावस्या के दिन आते हैं । |
2. दीर्घ ज्वार कृण व शुक्ल पक्ष की अटमी को आते हैं। |
उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें |
A) केवल 1
B) केवल 2
C) 1 और 2
D) न तो 1 न ही 2
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - न तो 1 न ही 2 |
व्याख्या - उपरोक्त दोनों कथन असत्य हैं। पृथ्वी, चन्द्रमा एवं सूर्य, की स्थिति तथा उनकी सापेक्ष दूरियां के प्रभाव के परिणास्वरूप भिन्न-भिन्न आकरण बल के कारण अलग-अलग प्रकार के ज्वार उत्पन्न होते हैं। |
अमावस्या और पूर्णिमा के दिन सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा तीनों में एक सीध में होते होते हैं। फलत: सूर्य तथा चन्द्रमा के संयुक्त आकरण बल के प्रभाव से पृथ्वी पर दीर्घ अथवा उच्च या उच्च ज्वार की उत्पत्ति होती है। इन ज्वारों की ऊंचार्इ सामान्य ज्वारों की तुलना में 20% प्रतिशत अधिक होती है। |
शुक्ल अथवा कृण पक्ष की सप्तमी अथवा अष्टमी को सूर्य और चंद्रमा पृथ्वी के केंद्र पर समकोण (परस्पर \[90{}^\circ \]) बनाते है। इससे सूर्य तथा चन्द्रमा की आकरण शक्ति भिन्न दिशाओं में काम करती है, जिससे ज्वार की ऊंचार्इ कम हो जाती है। इस कारण सूर्य और चंद्रमा दोनों ही पृथ्वी के जल को भिन्न दिशाओं में आकर्षित करते हैं। फलस्वरूप इस समय उत्पन्न ज्वार औसत ज्वार से 20% तक कम ऊंचे होते हैं, इसे लघु या निम्न ज्वार कहते हैं। |
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