A) फारसी
B) अरबी
C) तुर्की
D) उर्दू
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - तुर्की व्याख्या - तुजक-ए-बाबरी अथवा बाबरनामा भारत में मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर की आत्मकथा है। बाबर ने इस कृति की रचना तुर्की भाषा में की थी। टिप्पणी - बाबर के पोते अकबर ने 1583 ई. में अब्दुर्रहीम खानखाना द्वारा तुजक-ए-बाबरी का फारसी में अनुवाद करवाया। बाबरनामा भारत की 1504-1529 ई. तक की राजनैतिक एवं प्राकृतिक स्थिति पर वर्णनात्मक प्रकाश डालती है।You need to login to perform this action.
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