कथन (A): कीट प्रतिरोधी पारजीनी कपास, (Bt) जीन के निवेशन से निर्मित किया गया है। (UPSC 1999) |
कारण (R): (Bt) जीन एक जीवाणु से प्राप्त किया जाता है। |
इस प्रश्न का उत्तर नीचे दिए हुए कूट की सहायता से चुनिए : |
A) और (R) दोनों सही हैं, और (R), का सही स्पष्टीकरण है।
B) और (R) दोनों सही हैं, और (R), का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
C) सही है, परन्तु (R) गलत है।
D) गलत है, परन्तु (R) सही है।
Correct Answer: A
Solution :
उत्तर - और (R) दोनों सही हैं, और (R), का सही स्पष्टीकरण है। |
व्याख्या- बीटी कपास-बैसीलस थुरीनजिएंसिस की कुछ नस्लें ऐसी प्रोटीन का निर्माण करती हैं जो विशिष्ट कीटों जैसे-लीथीडोप्टेशन (तंबाकू की कलिका कीड़ा, सैनिक कीड़ा), कोलियोप्टेरान (भृग) व डीप्टेरान (मक्खी, मच्छर) को मारने में सहायक है। बैसीलस थुरीनजिएंसिस अपनी वृद्धि के विशेष अवस्था में कुछ प्रोटीन क्रिस्टल का निर्माण करती है। इन क्रिस्टल्स में विषाक्त कीटनाशक प्रोटीन होता है। यह जीवविष बैसीलस को नही मारता है क्योंकि वास्तव में बीटी जीव-विष प्रोटीन, प्राक्जीव विष निष्क्रिय रूप में होता है, जैसे ही कीट इस निष्क्रिय जीव विष को खाता है, इसके क्रिस्टल आंत में क्षारीय PH के कारण घुलनशील होकर सक्रिय रूप में परिवर्तन हो जाते हैं। सक्रिय जीव विष मध्य आंत के उपकलीय कोशिकाओं की सतह से बंधकर उसमें छिद्रों का निर्माण करते हैं, जिस कारण से कोशिकाएं फूलकर फट जाती हैं और परिणामस्वरूप कीट की मृत्यु हो जाती है। विशिष्ट बीटी जीव विष जीन बैसीलस थुरीनजिएंसिस से पृथक कर कर्इ फसलों जैसे कपास में समाविष्ट किया जा चुका है। जीनों का चयन फसल व निर्धारित कीट पर निर्भर करता है, जबकि सर्वाधिक बीटी जीव विष कीट-समूह विशिष्टता पर निर्भर करते हैं। जीव विष जिस जीन द्वारा कोडित होते हैं उसे क्रार्इ (Cry) कहते हैं। ये कर्इ प्रकार के होते हैं। जो प्रोटींस जीन Cry 1 Ac व Cry 2 Ab द्वारा कोड होते हैं वे कपास के मुकुलन कृमि को नियंत्रित करते हैं जबकि Cry 1 Ab मक्का छेदक को नियंत्रित करता है। |
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