A) वर्णम
B) सुलाड़ी
C) जतिस्वरम
D) स्वराजति
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - स्वराजति |
व्याख्या - वर्णम , सुलाड़ी, स्वराजति, जतिस्वरम कर्नाटक संगीत की मुख्य विधाओं में शामिल हैं जिसमें स्वराजति रूप में तीन खंड होते हैं, जिन्हें पल्लवी, अनुपालवी और चरणम कहा जाता है। इसकी विषयवस्तु भक्तिपूर्ण, वीरशील या प्रणय शील है। इसमें गीत अथवा कविता नहीं होते। यह प्रारंभिक संगीत शिक्षण का अंग है। इसमें केवल स्वरों को ताल तथा राग में बांटा जाता है। |
टिप्पणी - |
वर्णम - एकमात्र रूप है जो हिंदुस्तानी संगीत में एक समकक्ष नहीं मिलता है। इस रूप को वर्णम कहा जाता है क्योंकि प्राचीन संगीत में वर्ण नामक स्वरा समूह के कई पैटर्न इसकी बनावट में परस्पर जुड़े हुए हैं। |
सुलाड़ी - सुलाड़ी एक तालमालिका है, अर्थात यह विभिन्न तालों में होने वाले अनुभव हैं। |
जतिस्वरम - कर्नाटक संगीत का यह रूप लयबद्ध उत्कृष्टता और जति पैटर्न के उपयोग के लिए जाना जाता है। |
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