निम्न कथन किस शास्त्रीय गायक से संबंधित हैं? |
1. इन्होंने संगीतामृत प्रवाह नामक एक मासिक पत्रिका भी निकाली थी। |
2. इन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भी अपना विशिष्ट योगदान दिया। |
3. कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशनों का आरंभ उनके गए वंदेमातरम से होता था। |
A) मुथुस्वामी दीक्षितार
B) रविशंकर
C) फैयाज खां
D) विष्णु दिगंबर पलुस्कर
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - विष्णु दिगंबर पलुस्कर |
व्याख्या - उपरोक्त सभी कथन शास्त्रीय संगीतज्ञ विष्णु दिगंबर पलुस्कर से सम्बंधित हैं। पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर का जन्म 18 अगस्त 1872 को कुरूंदवार रियासत के बेलगांव में हुआ था।इनका उपनाम गाडगिल था किन्तु सांगली के करीब पालुस गांव का होने की वजह से इनके नाम के साथ पलुस्कर जुड़ गया। पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर के पिता दिगंबर गोपाल कीर्तन किया करते थे। महाराष्ट्र के शहर मीरज के संगीतज्ञ बालकृष्ण इचलकरंजीकर ने विष्णु दिगंबर पलुस्कर को शास्त्रीय संगीत की शिक्षा दी। संगीत के विकृत स्वरूप को सुधारने और समुचित मान-प्रतिष्ठा दिलाने का श्रेय पलुस्कर जी को जाता है। कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशनों का आरंभ पलुस्कर द्वारा गाए गए वंदेमातरम से होता था। इन्होंने संगीतामृत प्रवाह नामक एक मासिक पत्रिका भी निकाली थी। विष्णु दिगंबर ने स्वतंत्रता सांग्रम में भी अपना विशिष्ट योगदान दिया। पलुस्कर गांधीजी के साथ सभा मंच पर बैठकर रघुपति राघव राजाराम गाते थे। |
टिप्पणी - दुर्भाग्य से दीपावली पर्व में आतिशबाजी के दौरान विष्णु दिगंबर पलुस्कर की आंखों की रोशनी चली गई किन्तु उसके बाद भी इन्होंने शास्त्रीय संगीत की बारीकियों पर ऐतिहासिक कार्य किया। वर्ष 1908 में इन्होंने बंबई (अब मुंबई) में गंधर्व महाविद्यालय की स्थापना की। |
रघुपति राघव राजाराम प्रसिद्ध भजन सर्वप्रथम विष्णु दिगंबर पलुस्कर ने गाया था। |
वंदे मातरम की धुन भी विष्णु दिगंबर ने ही तैयार की थी। पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर के शिष्यों में विनायक राव पटवर्धन, ओंकारनाथ ठाकुर, नारायण राव व्यास, बीआर देवधर प्रसिद्ध हुए। |
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