A) राष्ट्रपति
B) उप-राष्ट्रपति
C) प्रधानमंत्री
D) लोकसभा अध्यक्ष
Correct Answer: A
Solution :
व्याख्या-संवैधानिक तंत्र की विफलता से उत्पन्न आपातकालीन शक्ति में अनुच्छेद 356 के अनुसार यदि राष्ट्रपति को स्वयं या किसी राज्य के राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर यह महसूस हो कि उस राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो गया है तो राष्ट्रपति उस राज्य में संकटकालीन स्थिति (राष्ट्रपति शासन) की घोषणा कर सकता है। इस प्रकार की उद्घोषणा दो माह के भीतर संसद के दोनों सदनों द्वारा विशिष्ट बहुमत से अनुमोदित होनी चाहिए। परंतु यदि घोषणा के समय लोकसभा की बैठक न हो रही हो अथवा दो माह के भीतर लोकसभा का विघटन हो जाए तो लोकसभा की बैठक प्रारंभ होने या नयी लोकसभा के गठन होने से एक माह के भीतर इस प्रकार की घोषणा का अनुमोदन हो जाना चाहिए अन्यथा यह निष्प्रभावी हो जाएगी। संसद के अनुमोदन से इस प्रकार की घोषणा 6 माह तक प्रभावी रहेगी। 6, 6 माह पर संसद द्वारा अनमोदन के माध्यम से इस प्रकार की घोषणा को अधिकतम 3 वर्ष की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है। परंतु यदि इस अवधि को एक वर्ष से अधिक बढाया जाना है तो 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 के तहत दो शर्तं और पूरी होना चाहियेः1. जब सम्पूर्ण भारत में या संबंधित राज्य या इसके किसी भाग में आपात स्थिति घोषित हो तथा जब निर्वाचन आयोग यह प्रमाणित कर दे कि संबंधित अवधि में राज्य में चुनाव कराना संभव नहीं है। |
2. जब निर्वाचन आयोग यह प्रमाणित कर दे कि संबंधित अवधि में राज्य में चुनाव कराना संभव नहीं है। |
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