1. CAG संसद की ओर से राजकोष पर नियंत्रण रखता है जब भारत का राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपात/वित्तीय आपात घोषित करता है। |
2. CAG की मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित परियोजनाओं या कार्यक्रमों पर जारी किए गए प्रतिवेदनों पर लोक लेखा समिति विचार-विमर्श करती है। |
3. CAG के प्रतिवेदनों से मिली जानकारियों के आधार पर जांचकर्ता ऐजेंसियों उन लोगों के विरुद्ध आरोप दाखिल कर सकती है, जिन्होंने लोक निधि प्रबंधन में कानून का उल्लंघन किया हो। |
4. CAG को ऐसी निश्चित न्यायिक शक्तियाँ प्राप्त हैं कि सरकारी कंपनियों के लेखा-परीक्षा और लेखा जांचते समय वह कानून का उल्लंघन करने वालों पर अभियोग लगा सके। |
A) उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? केवल 1, 3 और 4
B) केवल 2
C) केवल 2 और 3
D) 1, 2, 3 और 4
Correct Answer: C
Solution :
व्याख्या-भारत के नियंत्रण और महालेखा परीक्षक भारत के संविधान के तहत एक स्वतंत्र प्राधिकरण है। संविधान के अनुच्छेद-148 के तहत भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की नियुक्ति, शपथ और सेवा की शर्तों से संबंधित प्रावधान उल्लेखित है। संविधान के अनुच्छेद-149 में भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के कर्तव्यों और शक्तियों का वर्णन किया गया है, जिसे संघ के और राज्यों के लेखाओं के संबंध में विशेष नियंत्रक एवं अधीक्षण शक्तियां प्रदान की गई है। ये भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग का प्रमुख और सार्वजनिक क्षेत्र का संरक्षक है। इसके द्वारा प्रस्तुत लेखाओं (केन्द्रीय मंत्रालयों से संबंधित) पर संसद की लोक लेखा समिति में विचार-विमर्श होता है। विनियोग खातों, वित्त खातों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपकमों पर ऑडिट रिपोर्ट की जाँच लोक लेखा समिति द्वारा की जाती है। केन्द्रीय स्तर पर इन रिपोर्टों को सी.ए.जी. द्वारा राष्ट्रपति को प्रस्तुत किया जाता है, जो संसद में दोनों सदनों के पटल पर रखी जाती है एवं राज्य में यह रिपोर्ट सी.ए.जी. द्वारा राज्य के राज्यपाल को प्रस्तुत किया जाता है, जो विधानमण्डल के समक्ष प्रस्तुत करता है। विशेष-भारत के प्रथम नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक वी. नरहरिराव (1948 से 1954) थे। वर्तमान में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक राजीव महर्षि हैं।You need to login to perform this action.
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