जी.आर्इ. टैग के संदर्भ में निम्न कथनों में से असत्य कथन का चुनाव कीजिये - |
1. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जीआर्इ टैग का विनियमन विश्व बैंक के द्वारा किया जाता है। |
2. औद्योगिक संपत्ति के संरक्षण हेतु जीआर्इ टैग को बर्लिन कन्वेंशन के अंतर्गत बौद्धिक संपदा अधिकारों के रूप में शामिल किया गया। |
3. जीआर्इ टैग का अधिकार हासिल करने के लिए दिल्ली स्थित जी. आर्इ. डेटाबेस में आवदेन देना होता है। |
4. जीआर्इ टैग का अधिकार मिल जाने के बाद 20 वषोर्ं तक जीआर्इ टैग मान्य होते हैं। |
A) 1 और 4
B) 1, 2 और 4
C) 2, 3 और 4
D) 1, 2 3 और 4
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - 1, 2 3 और 4 |
व्याख्या - जी.आर्इ टैग के संदर्भ में उपरोक्त सभी कथन असत्य हैं। भारत में जीआर्इ टैग का विनियमन वस्तुओं के भौगोलिक सूचक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम 1999 के अंतर्गत किया जाता है। वस्तुओं के भौगोलिक सूचक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 15 सितंबर, 2003 से लागू हुआ था। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जीआर्इ टैग का विनियमन विश्व बैंक नहीं अपितु विश्व व्यापार संगठन (WTO) के द्वारा किया जाता है। औद्योगिक संपत्ति के संरक्षण हेतु जीआर्इ टैग को पेरिस कन्वेंशन के अंतर्गत बौद्धिक संपदा अधिकारों के रूप में शामिल किया गया था। जीआर्इ टैग का अधिकार हासिल करने के लिए चेन्नर्इ स्थित जी आर्इ डेटाबेस में आवेदन करना होता है। एक बार जीआर्इ टैग का अधिकार मिल जाने के बाद 10 वर्षो तक जीआर्इ टैग मान्य होते हैं। इसके उपरांत उन्हें फिर नवीकृत कराना होता है। |
टिप्पणी - भारत में GI टैग्स किसी खास फसल, प्राकृतिक और निर्मित सामानों को दिए जाता है। कर्इ बार ऐसा भी होता है कि एक से अधिक राज्यों में बराबर रूप से पार्इ जाने वाली फसल या किसी प्राकृतिक वस्तु को उन सभी राज्यों का मिला-जुला, GI टैग दिया जाए। ऐसा बासमती चावल के साथ हुआ है। बासमती चावल पर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों का अधिकार है। |
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