A) अमीटर
B) वोल्टमीटर
C) धारा नियन्त्रक
D) ओममीटर
Correct Answer: B
Solution :
उत्तर - वोल्टमीटर | ||||
व्याख्या - वोल्टमीटर एक धारामापी है जिसका प्रतिरोध काफी उच्च होता है। इसका प्रयोग परिपथ के दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर मापने हेतु किया जाता है। एक आदर्श वोल्टमीटर का प्रतिरोध अनन्त होता है। इसे समान्तर क्रम में जोड़ते हैं। | ||||
विभवान्तर- विद्युत क्षेत्र में एकांक धन आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में किया गया कार्य उन दोनों बिन्दुओं के बीच विभवांतर को प्रदर्शित करता है। इसकी SI इकाई जूल/ कूलॉम या वोल्ट होती है। यह एक अदिश राशि है। | ||||
धारा नियन्त्रक (Pheostate)- यह धारा की प्रबलता कम अथवा अधिक करने के काम आता है। इसमें आक्सीकृत नाइक्रो का तार जिसका विशिष्ट प्रतिरोध अधिक तथा प्रतिरोध ताप गुणांक कम होता है। यह एक चीनीमिट्टी के खोखले बेलन पर लिपटा होता है। | ||||
वोल्टमीटर तथा अमीटर में अन्तर (Difference between Voltmeter and Ammeter) | ||||
वोल्टमीटर | अमीटर | |||
1. | यह परिपथ के किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच विभवांतर मापने में प्रयुक्त किया जाता है। | 1. | यह परिपथ में प्रवाहित धारा को मापने में प्रयुक्त किया जाता है। | |
2. | इसे धारामापी की कुंडली के श्रेणीक्रम में उच्च प्रतिरोध जोड़कर बनाया जाता है। | 2. | इसे धारामापी की कुण्डली के समान्तर क्रम में अल्प प्रतिरोध (शंट) जोड़कर बनाया जाता है। | |
3. | इसे हमेशा परिपथ में समांतर क्रम में जोड़ा जाता है। | 3. | इसे हमेशा परिपथ में श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है। | |
4. | इसका प्रतिरोध बहुत अधिक होता है। एक आदर्श वोल्ट मीटर का प्रतिरोध अनंत होता है। | 4. | इसका प्रतिरोध बहुत कम होता है आदर्श अमीटर का प्रतिरोध शून्य होता है। |
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