A) भूक्रोड के अन्दर की चक्रक धाराएं
B) इसके केंद्र में मौजूद विशाल चुम्बक
C) पृथ्वी के बाहर अंतरिक्ष में गतिमान आवेश
D) उपर्युक्त में से कोई भी नहीं
Correct Answer: A
Solution :
उत्तर - भूक्रोड के अन्दर की चक्रक धाराएं |
व्याख्या - पृथ्वी भी एक विशाल चुम्बकीय या चुम्बक की भांति कार्य करती है। इसमें चुम्बकत्व का गुण होता है जिसे भू-चुम्बकत्व कहते हैं। हम पृथ्वी के भीतर एक विशाल चुम्बक की परिकल्पना कर सकते हैं। जिसका दक्षिणी ध्रुव, पृथ्वी पूर्व के भौगोलिक उत्तरी ध्रुव की ओर व उत्तरी ध्रुव पृथ्वी के भौगोलिक दक्षिणी ध्रुव की ओर होता है। पृथ्वी के भीतर कल्पित चुम्बक के उत्तरी व दक्षिणी ध्रुवों को मिलाने पर पृथ्वी का चुम्बकीय अक्ष प्राप्त होता है। जोकि भौगोलिक अक्ष में लगभग \[11.5{}^\circ \] का कोण बनाता है। पृथ्वी के भीतर क्रोड में लोहा, निकिल जैसी भारी धातुएं गलित अवस्था में मौजूद है। पृथ्वी के घूर्णन के कारण इन गलित धातुओं में संवहन धाराए उत्पन्न होती है जो पृथ्वी के चुम्बकत्व का कारण बनती है। यही कारण है भू-क्रोड के अन्दर की चक्रक धाराएं पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र को उत्पन्न करती है। |
You need to login to perform this action.
You will be redirected in
3 sec