Super Exam Biology Reproduction and Endocrine System / प्रजनन और अंत: स्रावी प्रणाली Question Bank अंतःस्त्रावी तंत्र व हार्मोन

  • question_answer
    वृक्क से मूत्र की मात्रा का निस्तारण नियंत्रित होता है, हॉर्मोन-                                              (UPPCS 2010)

    A)  TSH द्वारा

    B)                         ACTH द्वारा

    C)  FSH द्वारा 

    D)  ADH द्वारा

    Correct Answer: D

    Solution :

    उत्तर -  ADH द्वारा
    व्याख्या - पीयूष ग्रंथि के पश्चपालि या न्यूरोहाइपोफाइसिस से वेसोप्रेसिन हॉर्मोन स्त्रावित होता है। वेसोप्रेसिन मुख्यत: वृक्क की दूरस्थ संवलित नलिका से जल एवं आयनों के पुनरावशोषण को प्रेरित करता है, जिससे मूत्र के साथ जल का ह्रास (डाइयूरेसिस) कम हो। अत: इसे प्रतिमूत्रल हार्मोन या एंटी-डाइयूरेटिक हार्मोन (ADH) भी कहते हैं।
    विशेष - यह हॉर्मोन स्वेद ग्रंथि के स्त्रावण को भी कम करता है। यह रक्त वाहिनियों को सिकोड़ता है, जिसके कारण रक्त दाब (BP) बढ़ जाता है। शरीर में इस हॉर्मोन की कमी से मूत्र तनु (Dilute) तथा रक्त गाढ़ा होने से रक्त दाब घट जाता है। मूत्र की मात्रा सामान्य 1-2 लीटर से बढ़कर 5 लीटर से अधिक तक प्रतिदिन हो जाती है। यह स्थिति मूत्रलता (Diuresis) या ऐसी स्थिति मधुमेह इन्सिपिड्स (Diabetis insipidus) रोग समय होती है। इस हॉर्मोन की अधिकता के कारण मूत्र गाढ़ा तथा रक्त तनु हो जाता है, जिससे रक्तदाब (BP) बढ़ जाता है।


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