A) रतौंधी
B) रंजकहीनता
C) हीमोफीलिया
D) वर्णाधता
Correct Answer: A
Solution :
उत्तर - रतौंधी |
व्याख्या - रतौंधी विटामिन A की कमी से होने वाला रोग है। रंजकहीनता (Albinsin) एक आनुवांशिक रोग है, जिसमें त्वचा, बालों तथा आंखों में मिलेनिन नामक वर्णक आंशिक या पूर्ण रूप से अनुपस्थित होता है। जिससे त्वचा, बालो, आंखों रंग भूरा या सफेद होता है। अधिरक्तस्त्राव (हीमोफीलिया) एक आनुवांशिक लिंग सहलग्न रोग है। वर्णाधता (Colour Blindness) एक X लिंग सहलग्न वंशागति रोग है। |
टिप्पणी - लिंग-सहलग्न वंशागति (Sex Linked Inheritance) - पूर्व में वैज्ञानिकों को विश्वास था कि सेक्स-क्रोमोसोम की भूमिका केवल लिंग-निर्धारण में ही होती है। किंतु बाद में ज्ञात हुआ कि इन सेक्स-क्रोमोसोम पर भी सैकड़ों जीन होते हैं जो अनेक शारीरिक लक्षणों के विशेषकों (Traits) को अभिव्यक्त करते हैं। X-क्रोमोसोम पर स्थित जीन के Y-क्रोमोसोम पर विकल्पी जीन (Allelle) भी नहीं होते। कुछ जीन केवल Y-क्रोमोसोम पर ही होते हैं जो केवल पुरुषों में ही अभिव्यक्त हो पाते हैं। ऐसे शारीरिक लक्षणों (Somatic Charaters) को जिनके जीन सेक्स-क्रोमोसोम (विशेषकर X क्रोमोसोम) पर स्थित होते हैं तथा उसी के साथ दूसरी पीढ़ी में वंशागत (inherit) होते हैं, इन्हें लिंग-सहलग्न लक्षण (Sex Linked Determination) कहते हैं। ऐसे लक्षणों की वंशागति को लिंग सहलग्न वंशागति (Sex Linked Inheritance) कहते हैं। |
X-क्रोमोसोम पर स्थित जीन स्त्री एवं पुरुष दोनों में अभिव्यक्त हो सकते हैं। इन जीन्स की अभिव्यक्ति की क्रिस-क्रॉस इन्हेरिटन्स भी कहते हैं। क्योंकि इस प्रकार की वंशागति में जनक पीढ़ी का कोर्इ लक्षण पुत्री (प्रथम पीढ़ी) के माध्यम से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित होता है। मनुष्य के X-क्रोमोसोम में लगभग बीस दैहिक लक्षण लिंग-सहलग्न होते हैं। उनमें से लाल-हरे रंग की वर्णान्धता एवं हीमोफीलिया से सम्बंधित होते है। |
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