1. राज्यों में सांविधानिक तंत्र की विफलता एक वस्तुनिष्ठ यथार्थ है। |
2. इस अनुच्छेद के अंतर्गत की गई उद्घोषणा का उच्चतम न्यायालय द्वारा न्यायिक पुनरावलोकन किया जा सकता है। |
3. इस उद्घोषणा के साथ ही, राज्य विधानसभा भंग की जा सकती |
4. इस उद्घोषणा का दो माह के भीतर संसद के प्रत्येक सदन से अनुमोदन किया जाना चाहिए। उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? |
A) केवल 1, 2 एवं 4
B) केवल 1, 2 एवं 3
C) केवल 3 एवं 4
D) केवल 2, 3 एवं 4
Correct Answer: A
Solution :
व्याख्या-एस. आर. बोम्मई बनाम भारत संघ, 1994 द्वारा उच्चतम न्यायालय ने निर्णय दिया है कि संविधान के अनुच्छेद-356 से संबंधित उद्घोषणा का न्यायिक पुनरावलोकन किया जा सकता है तथा उद्घोषणा के साथ ही, राज्य विधानसभा भंग नहीं की जा सकती है, जब तक कि ऐसी उद्घोषणा का संसद के दोनों सदनों द्वारा दो माह के अंदर अनुमोदन नहीं कर दिया जाता है। इसमें यह भी निर्धारित किया गया है कि संवैधानिक तंत्र की विफलता यथार्थ में होनी चाहिए न कि काल्पनिक आधारों पर।You need to login to perform this action.
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