1. न्यायपालिका द्वारा कार्यपालिका व विधायिका के कार्यों में किये गये हस्तक्षेप को न्यायिक सक्रियता कहा जाता है। |
2. न्यायिक सक्रियता की अवधारणा अमेरिका में उत्पन्न एवं विकसित हुई। |
3. न्यायिक सक्रियता की अवधारणा जनहित याचिका की अवधारणा से निकटता से जुड़ी है। |
A) उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं? केवल 1
B) केवल 2
C) 1 और 2
D) 1, 2 और 3
Correct Answer: D
Solution :
व्याख्या-न्यायपालिका द्वारा कार्यपालिका व विधायिका के कार्यों में हस्तक्षेप किया जाए, तो इसे न्यायिक सक्रियता कहा जाता है। न्यायिक सक्रियता की अवधारणा अमेरिका में उत्पन्न एवं विकसित हुई। न्यायिक सक्रियता शब्द का पहली बार प्रयोग वर्ष 1947 में अमेरिकी इतिहासकार एवं शिक्षक आर्थर शेल्सिंगर जूनियर द्वारा किया गया था। भारत में न्यायिक सक्रियता का सिद्धान्त 1970 के दशक के मध्य में आया। भारत में न्यायिक सक्रियता की नींव न्यायमूर्ति वी.आर. कृष्ण अय्यर, न्यायमूर्ति पी.एन. भगवती, न्यायमूर्ति ओ. चिन्नपा रेड्डी तथा न्यायमूर्ति डी.ए. देसाई के द्वारा रखी गई। न्यायिक सक्रियता की अवधारणा जनहित याचिका की अवधारणा से निकटता से जुड़ी है। सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक सक्रियता के कारण जनहित याचिकाओं की संख्या बढ़ी है। दूसरे शब्दों में जनहित याचिका (पी.आई.एल.) न्यायिक सक्रियता का परिणाम है। वास्तव में पी.आई.एल. या जनहित याचिका न्यायिक सक्रियता का सबसे लोकप्रिय स्वरूप है।You need to login to perform this action.
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