Super Exam History Khilafat Movement and Non-Cooperation Movement Question Bank खिलाफत आंदोलन एवं असहयोग आंदोलन

  • question_answer
    भारत में स्वराज पार्टी की स्थापना निम्नलिखित कारणों में से एक अथवा अधिक के लिये की गयी थी
    1. गांधीजी द्वारा असहयोग आंदोलन वापस लेना।
    2. काउन्सिलों में प्रवेश कर तथा उन्हें काम न करने देकर 1919 र्इ. के भारत शासन अधिनियम का उच्छेदन करना।
    3. ब्रिटिश सरकार द्वारा दमन।
    4. भारतीयों द्वारा इस आशय की अनुभूति कि उन्हें प्रशासन का अनुभव प्राप्त करना चाहिये।
    नीचे दिये कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिये

    A) केवल 1

    B) 1 और 2

    C) 1, 2 और 3

    D) 1, 3 और 4

    Correct Answer: B

    Solution :

    उत्तर - 1 और 2
    व्याख्या - जब 1922 र्इ. में चौरी-चौरा काण्ड हुआ और गांधीजी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया तो कुछ नेताओं ने इसके विरोध में स्वराज पार्टी की स्थापना की। इन नेताओं का मानना था कि असहयोग आंदोलन को वापस नहीं लिया जाना चाहिये था क्योंकि इस आंदोलन को आश्चर्यचकित करने वाली सफलता मिल रही थी और कुछ दिनों में यह आंदोलन अंग्रेजी राज की कमर तोड़ देता। 1 जनवरी 1923 में चित्तरंजन दास, नरसिंह चिंतामन केलकर और मोतीलाल नेहरू बिटुलभार्इ पटेल ने कांग्रेस-खिलाफत स्वराज्य पार्टी नाम के दल की स्थापना की जिसके अध्यक्ष चित्तरंजन दास बनाये गये और मोतीलाल उसके सचिव बनाये गये। इस प्रकार कांग्रेस में दो दल बन गये। एक परिवर्तनवादी दूसरा अपरिवर्तनवादी।


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