Super Exam Geography Irrigation and Multipurpose Projects / सिंचाई और बहुउद्देशीय परियोजनाएं Question Bank जल संसाधन, सिंचाई एवं बहुउद्देषीय परियोजनाएं

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    निम्नलिखित में से कौन-सा/से ड्रिप सिंचार्इ पद्धति के प्रयोग का/के लाभ है/हैं? (IA (Pre) 2016)
    1. खर-पतवार में कमी
    2. मृदा लवणता में कमी
    3. मृदा अपरदन में कमी
    नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

    A) केवल 1 और 2          

    B) केवल 3

    C) केवल 1 और 3

    D) उपर्युक्त में से कोर्इ भी ड्रिप सिंचार्इ पद्धति का लाभ नहीं है।

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर - केवल 1 और 3
    व्याख्या - इस सिंचार्इ पद्धति के द्वारा पानी को पौधों की जड़ों पर बूंद बूंद करके टपकाया जाता है। इसलिए इसे ‘‘टपक सिंचार्इ’’ या बूंद-बूंद सिंचार्इ के नाम से भी जाना जाता है।
    लाभ -
    1. पेड़ पौधों को नियमित जरूरी मात्रा में पानी मिलता रहता है।
    2. जल बचत,
    3. खरपतवार की समस्या उत्पन्न नहीं होती
    4. मृदा अपरदन में कमि आती है।
    5. पौधों के आकार एवं उत्पादकता में वृद्धि,
    6. ऊर्जा एवं श्रम बचत,
    7. कम उपजाऊ मृदा के लिए उपयुक्त,
    8. खारे पानी का उपयोग संभव,
    9. उर्वरक क्षमता में वृद्धि,
    10. भूमि तैयारी की जरूरत नहीं,
    11. रोग एवं कीट समस्याएं न्यूनतम।
    सीमाएं 1. इस प्रणाली में प्रयोग किए जा रहे यंत्रों (ट्यूब) को सूर्य के प्रकाश से हानि पहुंचती है, अत: उसके जल्दी खराब होने का खतरा रहता है। 2. आरंभिक लागत अधिक होती है। 3. मृदा में लवणता समस्याओं की वृद्धि, 4. डिजाइन स्थापन एवं उत्तरवर्ती संचालन में उच्च कौशल की जरूरत, 5. आर्थिक एवं तकनीकी सीमाएं।


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