Super Exam Physics Wave Optics / तरंग प्रकाशिकी Question Bank तरंग एवं प्रकाशिकी

  • question_answer
    विद्युत चुम्बकीय तरंगो की प्रकृति अनुप्रस्थ होती है। इसका प्रमाण है

    A) ध्रुवण

    B) व्यतिकरण

    C) परावर्तन

    D) विवर्तन

    Correct Answer: A

    Solution :

    उत्तर - (a) ध्रुवण
    व्याख्या - ध्रुवण- यदि किसी प्रक्रिया द्वारा साधारण प्रकाश के विद्युत सदिश के कम्पनों को तरंग संचरण की दिशा के लंबवत तल को केवल एक दिशा में सीमित कर दिया जाए तो इस घटना को प्रकाश का ध्रुवण कहते हैं। ध्रुवण की घटना की व्याख्या केवल अनुप्रस्थ तरंगों से ही सम्भव है। अनुप्रस्थ तरंगों में माध्यम के कण तरंग संचरण की दिशा के लंबवत कम्पन्न करते हैं।
    व्यतिकरण- जब समान आवृत्ति और नियत कलान्तर की दो तरंगें एक साथ एक ही दिशा में किसी माध्यम में गमन करती हैं, तो उनके अध्यारोपण से प्राप्त परिणामी तरंग का आयाम व तीव्रता माध्यम के किन्हीं बिन्दुओं पर अधिकतम और किन्हीं बिन्दुओं पर न्यूनतम होते हैं। इस घटना को तरंगो का व्यतिकरण कहते हैं।
    परावर्तन- परावर्तन द्वारा प्रकाश का ध्रुवण एवं ब्रूस्टर का नियम ध्रुवण कोण की स्पर्शज्या का मान प्रयुक्त प्रकाश के लिए उस माध्यम के अपवर्तनांक के बराबर होता है। इसे ब्रूस्टर का नियम कहते हैं। कांच के लिए \[{{i}_{s}}\] (ब्रूस्टर कोण) का मान \[57{}^\circ \] होता है। \[\left( \mu =tan\,{{i}_{s}} \right)\]
    विवर्तन- प्रकाश तरंगों का किसी रुकावट के किनारों पर मुड़ जाना प्रकाश का विवर्तन कहलाता है। विवर्तन द्वारा तरंगे अवशोधक की ज्यामितीय छाया में फैल जाती जाती हैं। विवर्तन के लिए अवशोधक आकार तरंगदैर्ध्य की कोटि का होना चाहिए।


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