Super Exam General Studies Dance and Music / नृत्य और संगीत Question Bank नृत्य परंपरा का परिचय एंव भारत में शास्त्रीय नृत्य (नृत्यकला भाग 1)

  • question_answer
    भरतनाट्यम की प्रस्तुति के निम्न अवयवों को क्रमानुसार व्यवस्थित कीजिये - 1. शब्दम 2. आलरिप्पू 3. जातिस्वरम 4. वर्णम

    A) A- 4, B-3, C-2, D-1

    B)                          A-2, B-3, C-1, D-4

    C) A-1, B-3, C-2, D-4

    D)                          A-3, B-4  C-2, D-1

    Correct Answer: B

    Solution :

    उत्तर - A-2, B-3, C-1, D-4
    व्याख्या - भरतनाट्यम शब्द भ -भाव, र -राग, त - ताल नाट्यम -नाटक से मिलकर बना है। यह भारत की सबसे प्राचीन नृत्य विधा है। इसमें नृत्य विभिन्न अवयवों के माध्यम से होता है
    · अलारिप्पू - आरंभिक भाग
    · जातिस्वरम - नृत्य की शुद्ध विधा अर्थात नृत्त
    · शब्दम - नाटकीय तत्व जिसे ईश्वर की प्रशंसा में प्रयुक्त किया जाता है।
    · वर्णम् - नृत्य तथा भावो का मेल
    · पदम् - नर्तक की सिद्धहस्तता
    · जवाली - लघु प्रेम गीत
    · थिल्लन - समापन अवस्था
    टिप्पणी - यह सभी नृत्यों में सबसे प्राचीन है, जो मोहन जोदड़ो की ‘नृत्य करती स्त्री की मूर्ति’ में भी दिखाई देता है। भरतनाट्यम लास्य को प्रदर्शित करता है, जिसमे कोई नर्तकी 10 या 12 भावों को प्रदर्शित करती है। भरतनाट्यम की तकनीक में हाथ, पैर, मुख व शरीर संचालन के समन्वयन के 64 सिद्धांत हैं, जिनका निष्पादन नृत्य पाठîक्रम के साथ किया जाता है। भरतनाट्यम तुलनात्मक रूप से नया नाम है। पहले इसे सादिर, दासी अट्टम और तन्जावूरनाट्यम के नामों से जाना जाता था।


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