A) केवल 1
B) केवल 2
C) 1 और 2
D) न तो 1 न ही 2
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - 1 और 2 |
व्याख्या - सत्रीया नृत्य में सत्तर शब्द सत्र से लिया गया है जिसका अर्थ मठ और नृत्य का अर्थ है तरीका होता है। असम के 15वीं सदी के महान वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव और उनके शिष्य माधवदेव ने मठों में अंकीया नाट के सहप्रदर्शन हेतु सत्रिया नृत्य विकसित किया। यह मुख्य रूप से भागवत कहानियो के वर्णन पर केन्द्रित रहता है। इसमे भगवान कृष्ण के जीवन पर आधारित संगीत, नृत्य व नाटक द्वारा लीलाएं की जाती हैं। सत्रीया नृत्य जप, कथा, नृत्य व संवाद का समन्वय है। |
विशेष - सत्रीय नृत्य की मुख्य विशेषताएं निम्नानुसार हैं |
· यह असम में प्रचलित ओजापाली तथा देवदासी नृत्यों का मिश्रण है। |
· इसमें गीत के प्रवाह के साथ नृत्य मुद्राओं पर अधिक बल दिया जाता है। |
· इसमें मुद्राओ के लिए बहुत कड़े नियम बनाये गये है। |
इसमें खोल तथा बांसुरी वाद्य यंत्रो, का प्रयोग किया जाता है |
You need to login to perform this action.
You will be redirected in
3 sec