Super Exam Physics Light - Reflection and Refraction Question Bank प्रकाश एवं प्रकाशकीय यंत्र

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    परावर्ती दूरदर्शी में कौन सा दर्पण का प्रयोग किया जाता है?

    A) अवतल दर्पण

    B) उत्तल दर्पण

    C) दोना दर्पण

    D) इनमें से कोई नही

    Correct Answer: A

    Solution :

    उत्तर - अवतल दर्पण
    व्याख्या - आधुनिक दूरदर्शकों में अभिदृश्यक के रूप में लैंस के स्थान पर अवतल दर्पण का उपयोग किया जाता है। ऐसे दूरदर्शकों को जिनमें अभिदृश्यक दर्पण होता है, परावर्ती दूरदर्शी (दूरबीन) कहते हैं। भारत का सबसे बड़ा परावर्ती दूरदर्शी कवलूर, तमिलनाडु में है।
    विशेष :- सूक्ष्मदर्शी (Microscope)
    (i)         सरल सूक्ष्मदर्शी या आवर्धक लैंस (Simple Microscope or Magnifying Glass)- जब कोई वस्तु उत्तल लैंस के सामने उसके प्रकाश केंद्र व फोकस के मध्य रखी होती है तो उसका प्रतिबिम्ब सीधा बड़ा तथा आभासी बनता है अतः उत्तल लैंस से इस स्थिति में वस्तु को देखने पर वस्तु आकार में बड़ी दिखाई देती है। उत्तल लैंस के इस प्रकार के उपयोग को सरल सूक्ष्मदर्शी या आवर्धक लैंस कहते हैं। यह कम फोकस दूरी का एक उत्तल लैंस होता है।
    (ii)        संयुक्त सूक्ष्मदर्शी (Compound microscope)- सरल सूक्ष्मदर्शी की अपेक्षा अधिक आवर्धन पाने के लिए. एक लैंस के स्थान पर दो या दो से अधिक लैंस का उपयोग करते हैं। जिनमें एक लैंस, दूसरे लैंस के प्रभाव को बढ़ाता है। इस प्रकार के संयोजन द्वारा निकट की अत्यधिक छोटी वस्तुओं के बड़े प्रतिबिम्ब देखे जाते हैं। इस व्यवस्था को संयुक्त सूक्ष्मदर्शी कहते हैं।
    (iii)       दूरदर्शी (Telescope) - दूरदर्शी या दूरबीन का उपयोग दूर की वस्तुओं को कोणीय आवर्धन प्रदान करने के लिए किया जाता है। वह प्रकाशीय उपकरण जो दूरस्थ वस्तु के प्रतिबिम्ब को आवर्धित कर समीप बना देता है। दूरदर्शी कहलाता है। दूरदर्शी प्रकाश के अपवर्तन एवं परावर्तन दोनों पर काम करते हैं।
    (iv)       खगोलीय अपवर्ती दूरदर्शी- खगोलीय अपवर्ती दूरदर्शी दो या दो से अधिक लैंसों के संयोजन से बनते हैं। इनके द्वारा दूरस्थ वस्तु का बड़ा प्रतिबिम्ब निकट बनाने से दर्शन कोण बड़ा हो जाता है तथा वस्तु स्पष्ट व बड़ी दिखाई देती है।
    (v)        परावर्ती दूरदर्शी (Reflecting Telescope) - आधुनिक दूरदर्शकों में अभिदृश्यक के रूप में लैंस के स्थान पर अवतल दर्पण का उपयोग किया जाता है, ऐसे दूरदर्शकों को जिनमे अभिदृश्यक दर्पण होता है परावर्ती दूरदर्शी (दूरबीन) कहते हैं। भारत वर्ष में सबसे बड़ा ऐसा परावर्ती दूरदर्शी कवलूर, तमिलनाडु में है। जिसका व्यास 2.34 मीटर है।


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