Super Exam Biology Sexual Reproduction in Flowering Plant / फूलों के पौधों में यौन प्रजनन Question Bank पुष्पीय पादपों में प्रजनन

  • question_answer
    स्व-परागण के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये
    1. स्व-परागण की विशेषता वाले पुष्यों में मकरन्द (Nector) उत्पन्न करने की क्षमता होती है
    2. पुष्पों का अनाकर्षक (Unattractive) होना स्व-परागण को बढ़ाता है।
    उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

    A) केवल 1

    B)        केवल 2

    C) 1 और 2 दोनों

    D) न तो 1 और न ही 2

    Correct Answer: A

    Solution :

                  
    उत्तर - केवल 1
    व्याख्या - स्व-परागण हेतु अनुकूलतायें-
    · पौधे द्विलिंगी पुष्प (Bisexual Flower) युक्त या उभय लिंगाश्रयी (Monoecious) प्रकृति वाले होते हैं। इन पुष्पों में मकरन्द (Nectar) उत्पन्न करने की क्षमता नहीं होती है। स्व-परागण की क्रिया को प्रदर्शित करने वाले पादपों के पुष्प छोटे, रंगहीन तथा गंधहीन होते हैं। पुष्पों का अनाकर्षक (Unattractive) होना स्व-परागण को बढ़ाता है। 
    · नर जनन अंग अुंर्थात् पुंकेसर (Stamen) तथा मादा जनन अंग अर्थात् अण्डप (Carpel) एक साथ परिपक्व होते हैं। पौधों के इस गुण को समकालिक परिपक्वता (Homogamy) कहते हैं। इससे स्व-परागण की संभावना बढ़ जाती है। कुछ पौधों के पुष्प द्विलिंगी रहते हैं, परन्तु उसमें खिलने की। क्रिया नहीं हो पाती है, ऐसे पुष्प किलस्टोगैमस कहलाते हैं। तथा इस अवस्था को निमिलपक्वता (Cleistogamy) कहते है। क्लिस्टोगैमी की अवस्था में केवल स्व-परागण ही हो सकता है, क्योंकि परागकण पुष्प से बाहर निकल ही नहीं पाते हैं। उदाहरण - कॉमेलिना बेंगालेंसिस, खट्टी बूटी (Oxalis), मूंगफली आदि।


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