A) चट्टानों की संरचना
B) अपरदन के प्रक्रम
C) समय की अवधि
D) उपरोक्त सभी
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - उपरोक्त सभी |
व्याख्या - अमेरिका के भूगोलवेत्ता विलियम मोरिस डेविस ने अपरदन चक्र की परिकल्पना का प्रतिपादन 1890 के दशक में किया था। विलियम मोरिस के अनुसार किसी भी स्थलाकृति का निर्माण तथा विकास ऐतिहासिक क्रम में होता है, जिसके अन्तर्गत उसे तरुणं, प्रौढ़ एवं जीर्ण अवस्थाओं से होकर गुजरना पड़ता है। डेविस के अनुसार स्थलाकृतियां मुख्य रूप से तीन कारकों का परिणाम होती हैं, जिन्हें के नाम से जाना जाता है। |
इन त्रिकूट में सम्मिलित हैं - |
चट्टानों की संरचना |
अपरदन के प्रक्रम |
समय की अवधि या विभिन्न अवस्थायें। |
टिप्पणी - डेविस के अनुसार अपरदन चक्र समय का द्य वह अवधि है, जिसमें एक उत्थित भू-खंड अपरदन की विभिन्न अवस्थाओं से गुजरते हुए अंतत: समतल प्राय मैदान में बदल जाता है तथा इसमें कहीं-कहीं थोड़े उठे हुए भाग मोनाडनॉक के रूप में शेष बचे रहते हैं। इस अपरदन चक्र को डेविस ने भौगोलिक चक्र का नाम दिया। |
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