Super Exam Geography Rocks and Soil / चट्टानें और मिट्टी Question Bank भारत की मृदा

  • question_answer
    मृदा की विभिन्न परतों (संस्तरों) के संबंध में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजिये
    1. पौधों की वृद्धि के लिये आवश्यक जैव पदार्थो का खनिज पदार्थ, पोषक तत्त्व तथा जल से संयोग सबसे ऊपरी परत ‘क’ संस्तर में होता है।
    2. मृदा निर्माण की प्रक्रिया में सबसे नीचे की परत सबसे पहले बनती है। उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?

    A) केवल 1                    

    B) केवल 2

    C) 1 और 2 दोनों

    D) न तो 1 और न ही 2

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर - 1 और 2 दोनों
    व्याख्या - उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
    यदि हम भूमि पर गड्डा खोदें और मृदा को देखें तो वहां हमें मृदा की तीन परतें दिखार्इ देती हैं, जिन्हें संस्तर कहा जाता है। ‘क’ संस्तर सबसे ऊपरी खंड होता है, जहां पौधों की वृद्धि के लिये अनिवार्य जैव पदार्थ का खनिज पदार्थ, पोषक तत्त्वों तथा जल से संयोग होता है। •
    ‘ख’ संस्तर ‘क’ संस्तर तथा ‘ग’ संस्तर के बीच संक्रमण खंड होता है, जिसे नीचे व ऊपर दोनों से पदार्थ प्राप्त होते हैं।
    ‘ग’ संस्तर की रचना ढीली जनक सामग्री से होती है। यह परत मृदा निर्माण की प्रक्रिया में प्रथम अवस्था में होती है अर्थात् इस परत का निर्माण पहले होता है और अंतत: ऊपर की दो परतें इसी से बनती हैं।
    परतों की इस व्यवस्था को ‘मृदा परिच्छेदिका’ कहा जाता है। इन तीन संस्तरों के नीचे एक चट्टान होती है, जिसे ‘जनक चट्टान’ अथवा ‘आधारी चट्टान’ कहा जाता है।


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