Super Exam General Studies Philosophical Trends in India / भारत में दार्शनिक प्रवृत्तियां Question Bank भारत में दार्शनिक प्रवृत्तियां

  • question_answer
    शून्यता के सिद्धांत का सर्वप्रथम प्रतिपादन करने वाले बौद्ध दार्शनिक का नाम है?       (UPPSC 2002, BPSC 2004)

    A) नागार्जुन                    

    B) नागसेन

    C) आनंद                                       

    D) अश्वघोष

    Correct Answer: A

    Solution :

    उत्तर- नागार्जुन
    व्याख्या - शून्यता महायान बौद्ध संप्रदाय का प्रधान दर्शन है। वह अपने ही संप्रदाय के लोगों को महत्व देते हैं। माध्यमिक या शून्यवाद के मत के प्रवर्तक नागार्जुन हैं, जिनकी प्रसिद्ध रचना ‘माध्यमिक कारिका’ है। इसे सापेक्षवाद भी कहा जाता है, जिसके अनुसार प्रत्येक वस्तु किसी न किसी कारण से उत्पन्न हुई है और वह उन पर निर्भर है।
    टिप्पणी - नागार्जुन ने ‘प्रतीत्यसमुत्पाद’ को ही शून्यता कहा है। इस मत में बुद्ध द्वारा प्रतिपादित मध्यम मार्ग के सिद्धांत को विकसित किया गया है।


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