18वीं सदी में कंपनी द्वारा बंगाल में लागू की गर्इ द्वैध व्यवस्था के संबंध में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजिये |
1. प्रशासन का दायित्व कंपनी और उसके अधिकारियों पर था। |
2. पुलिस और न्यायिक शक्तियों पर नवाब का नियंत्रण था। |
3. बंगाल के राजस्व पर कंपनी का नियंत्रण था। उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? |
A) केवल 1
B) केवल 2 और 3
C) केवल 3
D) 1, 2 और 3
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर केवल 3 |
व्याख्या कंपनी को बंगाल में उपसूबेदार नामांकित करने का अधिकार मिल गया। इस तरह कंपनी का पुलिस और न्यायिक शक्तियों पर पूरा नियंत्रण स्थापित हो गया। इसी व्यवस्था को द्वैध शासन व्यवस्था कहा जाता है। इस व्यवस्था के अंतर्गत कंपनी का सत्ता पर तो पूरा अधिकार हो गया जबकि उसके ऊपर कोर्इ जिम्मेदारी नहीं थी। प्रशासन का दायित्व नवाब और उसके पदाधिकारियों पर था, परन्तु इनका निर्वाह करने की शक्ति उनके पास नहीं थी। |
टिप्पणी बक्सर की लड़ार्इ के बाद 1765 र्इ. से र्इस्ट इंडिया कंपनी बंगाल की वास्तविक स्वामी बन गर्इ। दीवान के रूप में कंपनी सीधे ही राजस्व वसूलने लगी। |
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