पारसी धर्म के संदर्भ में निम्न कथनों पर विचार करें |
1. पारसी धर्म को जरथुष्ट्र धर्म भी कहा जाता है। |
2. पारसी धर्म द्विश्वरवादी धर्म है। उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें |
A) केवल 1
B) केवल 2
C) 1 और 2
D) न तो 1 न ही 2
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - 1 और 2 |
व्याख्या - पारसी धर्म को जरथुष्ट्र धर्म भी कहा जाता है, क्योंकि संत जरथुष्ट्र (जोरोस्टर) ने इस धर्म की शुरुआत की थी। पारसी या जरथुष्ट्र धर्म द्विश्वरवादी धर्म है, क्योंकि पारसी लोग अहुरमजदा और अहरिमन में आस्था रखते हैं। पारसी धर्म मे अनेकेश्वरवाद का खंडन किया गया है। पारसी धर्म का मूल आधार जेंद भाषा मे लिखा ग्रंथ जेंद अवेस्ता है। |
टिप्पणी - |
· संत जरथुष्ट्र को ऋग्वेद के अगिरा, बृहस्पति आदि ऋषियों का समकालिक माना जाता है। |
· पारसी धर्म में यद्यपि अहरमग्छ सर्वोच्च देवता हैं, परन्तु दैनिक जीवन के अनुष्ठानों व कर्मकांडों में अग्नि उनके प्रमुख देवता के रूप में दृष्टिगत होते हैं। अग्नि के विशेष महत्व के कारण पारसी पूजाघरों में अग्नि निरन्तर जलती रहती हैं। |
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