Super Exam Geography Oceans and Continents / महासागरों और महाद्वीपों Question Bank महाद्वीपीय एवं महासागरीय संचलन

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    निम्न कथनों पर विचार करें - (lAS 2007)
    1. अपसारी प्लेटों से नर्इ पर्पटी का निर्माण होता है।
    2. प्लेटों के मध्य अभिसारी गति से भू-पर्पटी नष्ट होती है।
    3. संरक्षी गति से भू-पर्पटी नष्ट होती है।
    उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें

    A) 1 और 2

    B) 2 और 3

    C) 1 और 3

    D) 12 और 3

    Correct Answer: A

    Solution :

    उत्तर - 1 और 2
    व्याख्या - कथन 3 असत्य है, शेष दोनों कथन सत्य हैं। प्लेटों का एक दूसरे के सापेक्ष में दुर्बल मंडल के ऊपर अपसारी, अभिसारी और समानांतर संचलन होता है। अपसारी गति (Divergent Movement/boundary) - अपसारी गति में प्लेटें एक दूसरे से विपरीत दिशा में गतिशील होती हैं जिसके फलस्वरूप नर्इ भू- पर्पटी का निर्माण होता है। वह स्थान जहां से प्लेट एक दूसरे से दूर हटती हैं, इन्हें प्रसारी स्थान भी कहा जाता है। महासागर के नितल पर भ्रंश घाटी के समीप अपसारी प्लेट संचलन के कारण उत्पन्न तनावमुलक बल के द्वारा जब भ्रंशन की प्रक्रिया होती है, तब तीव्र गति से कंपन के कारण भूकंप आने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। वही भ्रंश घाटी की चौड़ार्इ में वृद्धि के कारण दाब में कमी आने पर दुर्बल मंडल में मैग्मा की उत्पत्ति होती है। जब यही मैग्मा भ्रंश घाटी से होते हुए महासागर के नितल पर आते हैं तब ज्वालामुखी प्रक्रिया होती है, जिससे नए क्रस्ट के रूप में महासागरीय कटक का निर्माण होता है। नए क्रस्ट के रूप में महासागरीय नितल के साथ सागर के नितल का प्रसार होता है। अपसारी प्लेट सीमांत पर नए क्रस्ट का निर्माण होने से इसे रचनात्मक सीमांत भी कहते हैं।
    नोट - मध्य अटलांटिक कटक, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर के कटक के समीप होने वाली घटनाओं का संबंध अपसारी प्लेट से ही है। अभिसारी गति (Convergent Movement/boundary) - अभिसारी गति में दो प्लेटें अभिसरित (एक-दूसरे की ओर गति) होने से आपस में टकराती है तथा इस प्रक्रिया में अधिक घनत्व वाली प्लेट कम घनत्व वाले प्लेट के नीचे क्षेपित अर्थात धंस जाती है)। अभिसारी प्लेट संचलन की प्रक्रिया में अधिक गहरार्इ में क्षेपित (धंसी) हुर्इ प्लेट के तापमान में वृद्धि के परिणामस्वरूप भूपर्पटी का निर्माण नहीं द्य बल्कि बढ़े हुए तापमान के कारण भूपर्पटी का आंशिक गलन होता है।
    अभिसरण तीन प्रकार से हो सकता है
    1. महासागरीय व महाद्वीपीय प्लेट के बीच
    2. महासागरीय- महासागरीय प्लेटों के बीच
    3. महाद्वीपीय- महाद्वीपीय प्लेटों के बीच।
    संरक्षी गति (Transform Movement/boundary) - संरक्षी गति में प्लेटें एक-दूसरे के साथ क्षैतिज दिशा में प्रवाहित होती हैं। इस प्रक्रिया में न तो नये क्रस्ट का निर्माण होता है और न ही विनाश। अर्थात जहां न तो नर्इ पर्पटी का निर्माण होता है और न ही पर्पटी का विनाश होता है, उन्हें संरक्षी प्लेट सीमांत या रूपांतर सीमा कहते हैं। उल्लेखनीय है की प्लेटों के घर्षण के कारण इन क्षेत्रों में भूकंप उत्पन्न होता है।


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