A) सनातन पवनें
B) अक्षांश
C) महासागरीय धाराएं
D) उपरोक्त सभी
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - उपरोक्त सभी |
व्याख्या - अक्षांश, सनातन पवनें तथा महासागरीय धाराएं आदि सभी महासागरीय जल के तापमान वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों में सम्मिलित हैं। |
तट की और बहने वाली पवनें गर्म जल को तट पर जमा कर देती हैं और इससे तापमान बढ़ जाता है। स्थलीय भाग से सागर एवं महासागरों की तरफ चलने वाली पवनें महासागरों के सतही गर्म जल को तट से दूर कर देती हैं, जिसके परिणामस्वरूप नीचे का ठंडा जल ऊपर की ओर आ जाता हैं। परिणामस्वरूप, तापमान में देशांतरीय अंतर आता है। |
\[0{}^\circ \] से \[90{}^\circ \]उत्तरी एवं दक्षिण अक्षांश तक क्रमश: सौर विकरण की मात्रा घटने लगती है जिसके कारण महासागरीय सतहों का तापमान घटता चला जाता है। |
गर्म महासागरीय धाराएं ठंडे क्षेत्रों में तापमान को बढ़ा देती हैं, जबकि ठंडी धाराएं गर्म महासागरीय क्षेत्रों में तापमान को कम कर देती हैं। |
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