Super Exam Geography Natural Vegetation and Wild Life / प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन Question Bank वन्य एवं वन्य जीव संरक्षण

  • question_answer
    भारत में यदि कछुए की एक जाति को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची - I के अंतर्गत संरक्षित घोषित किया गया हो तो इसका निहितार्थ क्या है -   (IAS (PRE) 2017)

    A) इसे संरक्षण का वही स्तर प्राप्त है जैसा कि बाघ को

    B) इसका अब वन्य क्षेत्रों में अस्तित्व समाप्त हो जाता है। कुछ प्राणी बंद संरक्षण के अंतर्गत है और अब इसके विलोपन को रोकना असंभव है।

    C) यह भारत के एक विशेष क्षेत्र में स्थानिक है।

    D) इस संदर्भ में उपर्युक्त और दोनों सही है।

    Correct Answer: A

    Solution :

    उत्तर - इसे संरक्षण का वही स्तर प्राप्त है जैसा कि बाघ को
    व्याख्या -
    वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972, भारत की जैव-विविधता को संरक्षित करने हेतु एक महत्वपूर्ण कानूनी आधार प्रदान करता है।
    इस अधिनियम में कुल 6 अनुसूचियां है, जो जैव-विविधता संरक्षण हेत विभिन्न मानकों का निर्धारण करती है।
    अनुसूची - I एवं अनुसूची - II के भाग 2 में सूचीबद्ध स्तनधारी, उभयचर और सरीसृप व पक्षी को पूर्णत: संरक्षण जाता है। इसके तहत कठोर दंडों का निर्धारण किया गया है।
    अनुसूची - III और IV भी सूचीबद्ध प्रजातियां भी संरक्षित है, लेकिन दंड अपेक्षाकृत कम है।
    अनुसूची V में वे जानवर शामिल है, जिनका शिकार किया जा सकता है।
    अनुसूची VI में वर्णित पौधों को खेती और रोपण से प्रतिबंधित किया गया है।
    बाघ एवं कछुए की जातियों को अनुसूची I के तहत् सूचीबद्ध किया गया है। अत: दोनों के संरक्षण का एक समान स्तर प्राप्त होगा।


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