Super Exam Geography Forest and Soil in the World / विश्व में वन एवं मृदा Question Bank विश्व में वन एवं मृदा

  • question_answer
    निम्न कथनों पर विचार करें -
    1. मृदा निर्माण की प्रक्रिया के प्रथम अवस्था में ‘ग’ संस्तर का निर्माण होता है।
    2. तटीय और शुष्क प्रदेशों में रक्षकं मेखला विधि लाभदायक
    उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें

    A) केवल 1

    B) केवल 2

    C) 1 और 2

    D) न तो 1 न ही 2

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर - 1 और 2
    व्याख्या - मृदा की तीन परतों को मृदा संस्तर कहा जाता है। जिन्हें क्रमश: ‘क’, ‘ख’ एवं ‘ग’ संस्तर कहा जाता है। ‘ग’ संस्तर की रचना मृदा निर्माण की प्रक्रिया में प्रथम अवस्था में होती है अर्थात् इस परत का निर्माण पहले होता है और अंतत: ‘क’ एव ‘ख’ संस्तर की परतें इसके बाद बनती हैं। •
    ‘क’ संस्तर - ‘क’ संस्तर सबसे ऊपरी खंड होता है, जहां पौधों की वृद्धि के लिये अनिवार्य जैव पदार्थ या खनिज पदार्थ, पोषक तत्त्वों तथा जल से संयोग होता है।
    ‘ख’ संस्तर - ‘क’ संस्तर तथा ‘ग’ संस्तर के बीच ‘ख’ संस्तर संक्रमण खंड के रूप में होता है जिसे नीचे व ऊपर दोनों से पदार्थ प्राप्त होते हैं।
    तटीय और शुष्क प्रदेशों में पवन गति रोकने के लिये वृक्षों को कतारों में लगाया जाता है, ताकि मृदा आवरण को बचाया जा सके, इस विधि को रक्षक मेखला विधि कहते हैं जबकि किसी पहाड़ी ढाल पर. समोच्च रेखाओं के समान्तर जुतार्इ, ढाल से नीचे बहते जल के लिये एक प्राकृतिक अवरोध का निर्माण करती है।
    टिप्पणी - त्रि-स्तरों अथवा त्रि - संस्तरों में विभाजित मृदा की इस व्यवस्था को मृदा परिच्छेदिका कहा जाता है। इन तीन संस्तरों के नीचे एक चट्टान होती है जिसे जनक अथवा आधारी चट्टान कहा जाता है।


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