सूची-I | सूची-II | ||
A | तत् वाद्य | 1. | ढोलक |
B | तंतु वाद्य | 2. | बांसुरी |
C | सुषिर वाद्य | 3. | सारंगी |
D | अवनद्घ वाद्य | 4. | वीणा |
A) A-4, B-3, C-2, D-1
B) A-2, B-4, C-3, D-1
C) A-3, B-2, C-1, D-4
D) A-1, B-2, C-3, D-4
Correct Answer: A
Solution :
व्याख्या - भारतीय संगीत में प्रयुक्त होने वाले वाद्ययन्त्रों में अष्टांगों में से सात अंगों को व्यक्त करने की क्षमता होनी चाहिये। सुरीले साजों में गमक, मींड, तान के खटके, यथास्थान स्वर, आलाप आदि अंग पूर्ण रूप में अभिव्यक्त होना चाहिये। भारतीय संगीत में 5 प्रकार के वाद्य प्रचलित हैं - तत् वाद्य, तंतु वाद्य, सुषिर वाद्य, अवनद्घ वाद्य, घन वाद्य। | ||||||||
सही सुमलेन इस प्रकार है - | ||||||||
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