Super Exam Indian Polity and Civics Supreme Court and High Court Question Bank सर्वोच्चय न्यायालय

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    भारत में, न्यायिक पुनरीक्षण का अर्थ हैः (INDIAN POLITY-2017)

    A) विधियों और कार्यपालिक आदेशों की सांविधानिकता के विषय में प्राध्यापन करने का न्यायपालिका का अधिकार।

    B) विधानमंडलों द्वारा निर्मित विधियों के प्रज्ञान को प्रश्नगत करने का न्यायपालिका का अधिकार।

    C) न्यायपालिका का, सभी विधायी अधिनियमनों के, राष्ट्रपति द्वारा उन पर सहमति प्रदान किए जाने के पूर्व, पुनरीक्षण का अधिकार।

    D) न्यायपालिका का, समान या भिन्न वादों में पूर्व में दिए गए स्वयं के निर्णयों के पुनरीक्षण का अधिकार।

    Correct Answer: A

    Solution :

    व्याख्या-भारत में सर्वोच्च न्यायालय को संविधान के अनुच्छेद-137 के तहत न्यायिक पुनरीक्षण की शक्ति प्राप्त है। इसके तहत वह केंद्र व राज्य दोनों स्तरों पर विधियों और कार्यपालिक आदेशों की सांविधानिकता की जांच की जा सकती है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अधिकारातीत पाए जाने पर इन्हें असंवैधानिक और अवैध तथा उस स्तर तक शून्य घोषित किया जा सकता है, जिस स्तर तक वह संविधान का उल्लंघन करता हो। संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों यथा अनुच्छेद-13, 32, 131-136,141, 143, 226, 227, 245, 246 तथा 372 के उपबंध प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से न्यायिक पुनरीक्षण की शक्ति प्रदान करते हैं।


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