इस पद्य को ध्यान से पढ़े और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दें: |
मैं न वह जो स्वप्न पर केवल सही करते, |
आग में उसको गला लोहा बनाता हूँ, |
और उस पर नींव रखता हूँ नये घर की, |
इस तरह दीवार फौलादी उठाता हूँ। |
मनु नहीं, मनु-पुत्र है यह सामने, जिसकी |
कल्पना की जीभ में भी धार होती है, |
वाण ही होते विचारों के नहीं केवल, |
स्वप्न के भी हाथ में तलवार होती है। |
प्रश्न- 'फौलादी दीवार उठाना' का क्या तात्पर्य है? |
A) 'फौलादी दीवार उठाना' का तात्पर्य है वास्तविकता के ठोस को आधार बना कर काव्य वर्जना करना
B) 'फौलादी दीवार उठाना' का तात्पर्य है अवास्तविकता के ठोस को आधार बना कर काव्य सर्जना करना
C) 'फौलादी दीवार उठाना' का तात्पर्य है वास्तविकता के तरल को आधार बना कर काव्य सर्जना करना
D) 'फौलादी दीवार उठाना' का तात्पर्य है वास्तविकता के ठोस को आधार बना कर काव्य सर्जना करना
Correct Answer: D
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